Tuesday, 3 January 2012
कसम से ऐसे स्तन अपने जीवन में कभी नहीं देखे। जैसे ही वो ब्रा से आजाद हुए, मैंने एक चुचूक को मुंह में भर लिया। उसे भी जवानी का मजा आने लगा। उसने जोश में आकर मेरी पैंट के अन्दर हाथ डालकर मेरा लंड पकड़ लिया और उसे आगे पीछे करने लगी। अब हम दोनों अपने बस में नहीं थे। मैंने बिना देर किये उसका स्कर्ट उतार दिया और उसकी क्रीम रंग की पैंटी उतार दी। उसकी चूत पे हल्के से बाल थे। मैंने उसकी चूत में एक ऊँगली डाल दी। उसने एक हल्की सी आह भरी। अब वो अपने पंजे के बल बैठ कर मेरी पैंट खोल के मुझे पूरा नंगा किया, एक झटके से वो मेरा लंड पकड़ कर अपने मुंह में लेकर प्यार से चूसने लगी। मैं तो जन्नत की सैर कर रहा था।
इस बार मैंने उसे कमर से पकड़ के लंड को बुर के मुंह में रखकर तेजी से धक्का दिया मेरा लंड सीधे उसके बुर में तीन इंच तक चला गया। उसके आंसू आ गए और निकालने को कहने लगी। लेकिन मैं कुछ देर रुका और उसके स्तन चूसने लगा। इससे उसे दर्द कुछ कम लगा और नीचे से कमर उठाने लगी। फिर मैं उसके होठों को चूमने लगा और उसकी कमर को कस के पकड़ के एक जोर से धक्का मारा। इस बार मेरे पूरा लंड उसकी चूत की गहराई में चला गया लेकिन होंठों पर होंठ रखे होने के कारण उसकी आवाज बाहर नहीं आ पाई। थोडी देर शांत रहने के बाद वो बोली- अब जितनी तेजी से कर सकते हो, करो !
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